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आपको पानी की प्रोब्लम के बार में तो पता ही होगा। धीरे धीरे जमीन से पानी खतम होता जा रहा है और गहरे कुएं खोदने पर भी अब पानी नहीं मिलता। पानी की समस्या एक बड़ी समस्या है क्योंकि पीने के लिए पाय जल दुनिया में कम मात्रा में उपलब्ध है हालाकि समुद्र में खरा पानी भरा हुआ है पर उसे कोई इंसान या फसल नहीं पी सकते।
इसलिए समस्या का समाधान निकालने के लिए हरियाणा सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना को शुरू किया जिसके अंतर्गत किसानों को धान की फसल छोड़कर किसी दूसरी फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसके लिए उनको ₹7000 का अनुदान भी मिलता है।
Mera pani meri virasat 2023 में कैसे जानकारी देखें यह नीचे पढ़ें। इस लेख में मैं आपको इस yojana के बारे में बताऊंगा कि इसमें क्या जरूरतें हैं और इसका क्या फायदा है।
अगर आप मेरा पानी मेरी विरासत के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़े। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी पता लगे कि Mera pani meri virasat registration kaise kare।
Mera pani meri virasat yojana 2023
धान की निरंतर बिजाई के कारण राज्य में भूजल में 1 मीटर प्रति वर्ष गिरावट हो रही है जिसके कारण जमीन के अंदर पानी का स्तर तेजी से घट रहा है। इसका मुख्य कारण है सिंचाई के लिए पानी को निकालने के तरीके से बर्बादी होना और ज्यादा खपत वाली फसलों को ज्यादा मात्रा में उगाया जाना।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों के संरक्षण के लिए सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत मेरा पानी मेरी विरासत को शुरू किया है जिसमें धान की जगह किसानों को मक्का, कपास, बाजरा, दलहन की फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य है स्थाई कृषि के लिए तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करना और किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए वैकल्पिक फसलों के विकल्प को प्रदान करना।
Mera pani meri virasat scheme kya hai?
Mera Pani meri virasat योजना Haryana सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसमें किसानों को ₹7000 प्रति एकड़ का अनुदान दिया जाता है और धान की फसल छोड़कर दूसरी फसल बोने को प्रोत्साहित किया जाता है।
यह निर्णय पानी की समस्या के कारण लिया गया है। हम सबको पता है कि धान की फसल में खड़ा पानी चाहिए होता है और इस फसल में पानी बहुत उपयोग होता है। यह फसल अन्य फसलों से 2- 3 गुना पानी इस्तेमाल करती है। एक किलो धान उगाने में 5000 लीटर पानी काम में आता है पर इसमें से ज्यादातर पानी सूख जाता है या जमीन के समा जाता है। बड़े scale पर धान उगाने से पानी की समस्या बढ़ती रहती है इसलिए बहुत से किसानों को सुझाव दिया जाता है कि वह अपनी फसल को बदलें।
इस काम के लिए कृषि एक्सटेंशन अफसरों को चुना जाता है जो पूरे दिन फील्ड में रहते हैं और शाम को प्रोफॉर्मा भरकर मुख्यालय भेजते हैं कि कितने किसानों से धान छुड़वाई गई है और कितने किसानों को धान छोड़ने के लिए जागरूक किया गया है।
इसके लिए सभी जिलों के Deputy Agriculture Directorates को मेवात, गुरुग्राम, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ को छोड़कर निर्देश भेजे गए हैं की किसानों को धान छोड़कर बागवानी, मक्का, सरसों, बाजरा, तिल, दालों, की फसल शुरू करवाएं। सरकार ने इस योजना के लिए 18 जिलों को चुना है।
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Mera pani meri virasat scheme Overview
Terms | Details |
State | Haryana |
Website | fasal.haryana.gov.in |
Department | Department of Agriculture and Farmers Welfare |
Objective | धान की फसल छोड़कर दूसरी फसल बोने के लिए प्रोत्साहित करना |
Helpline | 1800 180 2117 |
Mera pani meri virasat scheme updates
इस योजना के अंतर्गत सरकार धान के लिए 8.5 लाख हैक्टेयर जमीन में से 1 लाख हैक्टेयर जमीन को दूसरी फसलों के लिए इस्तेमाल करना चाहती है। अभी तक इस योजना के तहत 53000 किसानों को धान छुड़वा कर दूसरी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है जिसमें 58421 हेक्टेयर जमीन पर काम शुरू किया जा चुका है।
Also Readekharid.haryana.gov.in 2023 | ekharid haryana
मेरा पानी मेरी विरासत objective | उद्देश्य
मेरा पानी मेरी विरासत योजना का उद्देश्य है फसल विविधता को बढ़ाना और धान की फसल से किसानों को छुटकारा दिलवाना जिसमें बहुत पानी का उपयोग होता है। इस योजना में ऐसे ब्लॉक चुने गए हैं जिनमें भूजल की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है। इन ब्लॉक में से 8 ब्लॉक ऐसे हैं जिनमें धान उगाई जाती है जैसे कैथल में सीवान और गुहला, सिरसा में रतिया, फतेहाबाद और शाहाबाद, इस्माईलाबाद, पिपली और बाबैन।
इन्हीं के साथ वह इलाके भी इस योजना के अंदर शामिल है जिनमें 50 हॉर्स पावर से ज्यादा कैपेसिटी की ट्यूबवेल चलाई जाती है। राज्य के किसान दूसरी फसलों को उगा सकते हैं जैसे मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, सब्जियां, शीशम, आदि। मुख्यमंत्री का कहना है कि उन ब्लॉक में जिनमें भूजल की गहराई 35 मीटर से कम है, उन इलाकों में पंचायती जमीन पर धान उगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- इस योजना का उद्देश्य है उनकी फसलों के क्षेत्र को कम करना जिनमें पानी की बहुत खपत होती है।
- योजना के अंतर्गत स्थाई कृषि के लिए फसल विविधकरण में तकनीकी नवाचार को शामिल किया जाएगा।
- योजना का लक्ष्य है संसाधनों का संरक्षण करना ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों को बचा सके।
- इस योजना का यह भी उद्देश्य है कि भूजल किस तरह को बढ़ाना और जल तालिका को बहाल करना।
- चावल- गेंहू को बार- बार लगाने से मिट्टी के घटते पोषण को नियंत्रित करना और मिट्टी के संरक्षण और पोषण तत्वों को संतुलित करना।
- किसान को धान और गेहूं के चक्र से छुटकारा दिलाकर उन्हें फसल विविधीकरण के तहत लाभदायक फसल का विकल्प प्रदान करना।
Mera pani meri virasat eligibility
इस योजना के लिए पात्र बनने के लिए यह आवश्यकता है पूरी करनी होंगी –
- किसान हरियाणा का निवासी होना चाहिए
- 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा हिस्से में धान को छोड़कर मक्का, बाजरा, दलहन, सब्जी, कपास आदि की फसल लगाई हो।
- पिछले वर्ष के चावल के क्षेत्र में से 50% से अधिक क्षेत्र में फसल विविधीकरण करा हो।
Mera pani मेरी विरासत requirements
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- मोबाइल number
- परिवार पहचान पत्र id
- Passport size फोटो
- जमीन के कागज़
- फसल की जानकारी
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Mera Pani meri virasat features
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि राज्य के कुछ हिस्से डार्क जोन में है इनमें 36 ब्लॉक ऐसे हैं जिनमें पिछले 12 वर्षों में भूजल के स्तर मैं दुगनी गिरावट आई है और जहां पानी 20 मीटर था वह आज 40 मीटर से भी ज्यादा है। जल संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने 8 ब्लॉक को चुना है जिनमें धान की बिजाई को रूकवाया जायेगा और दूसरी फसल को लगाने की अपील की जाएगी।
इसके लिए सरकार किसानों को 7000 रुपए प्रति एकड़ देने को तैयार है।
पानी के अत्यधिक दोहन के प्रमुख कारण हैं-
- उन फसलों की बार-बार बिजाई करना जिनमें पानी की बहुत खपत होती है।
- धान और गेहूं की फसल के लिए सिंचाई के ऐसे तरीकों को उपयोग करना जिनमें पानी ज्यादा उपयोग होता है और अधिक खपत के कारण पानी की बर्बादी होती है।
- सालाना वर्षा होने के कारण भू- जल के स्तर में बहाल होने से तेज जमीन से पानी को निकालते रहना।
Mera pani meri virasat online registration
जो किसान मेरा पानी मेरे विरासत योजना में आवेदन करना चाहते हैं उनको सबसे पहले mera pani meri virasat official website fasal.haryana.gov.in पर जाना होगा।
- यहां होमपेज पर किसान अनुभाग लिंक पर क्लिक करें। फिर किसान पंजीकरण (हरियाणा) पर दबाएं।
- इसके बाद आपके सामने एक पेज खुल जायेगा यहां अपना मोबाइल नंबर भरें।
- फिर OTP भरें और captcha code पुष्टि करें।
- इसके बाद परिवार पहचान पत्र id या आधार कार्ड नंबर लिखें।
- फिर आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा। यहां अपना नाम, पिता का नाम, पता- जिला, गांव, ब्लॉक, तहसील, भरें। (ध्यान दें की आपका नाम और आधार में नाम match करना चाहिए)
- इसके बाद बैंक details भरें जैसे नाम, खाता नंबर, खाता प्रकार, ifsc कोड, बैंक नाम, ब्रांच का नाम, आदि।
- फिर अगले पेज पर कुल भूमि की जानकारी भरें जैसे acre, कनाल, marla, आदि।
- अगले पेज पर पिछले साल की फसलों का विवरण भरना है, जैसे पिछले kharif fasal आपने कौनसी लगाई थी। उस फसल की जमीन कितनी थी इसकी जानकारी भरें। फसलों की details add करके अगले पेज पर जाएं।
- इस साल की फसल जोड़ें। साथ में मुरब्बा नंबर या killa नंबर, अगर आपके पास है तो वह भी जोड़ें।
इसके बाद आपके पंजीकरण पूर्ण हो जाएगा।
Mera pani meri virasat scheme benefits
- मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अंतर्गत जिस किसान ने अपनी जमीन के 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा हिस्से में धान को छोड़कर मक्का, बाजरा, दलहन, सब्जी, कपास आदि की फसल लगाई है उस किसान को प्रति एकड़ ₹7000 की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि यह राशि उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिन्होंने पिछले वर्ष के चावल के क्षेत्र में से 50% से अधिक क्षेत्र में फसल विविधीकरण करा है।
- अगर किसी किसान ने फसल विविधीकरण के लिए फल या सब्जी की फसल को धान की जगह लगाया है तो उन्हें 7000 रुपए प्रति एकड़ की राशि के साथ अलग से बगवानी विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- जिन खंडों या इलाकों में भू- जल का स्तर 35 मीटर या उससे अधिक है, उन इलाकों में अगर मक्का, कपास, बाजरा, सब्जियां, दालों की फसल धान की जगह उगाई जाती है तो ₹7000 प्रति एकड़ के हिसाब से धनराशि ग्राम पंचायत को मिलेगी।
- इस योजना के तहत जो बाजरा, मक्का और दालों की फसल उगाई जाती है उसको सरकार न्यूनतम मूल्य पर खरीद लेगी।
- मंडी में मक्का खरीदने के समय मशीन लगाई जाएगी जिससे मक्के को सुखा सके और किसान को मक्के की नमी के आधार पर सही रेट मिल सके।
- मशीन द्वारा मक्के की बिजाई करने के लिए लक्षित खंडों में किसानों को मशीन की 40% सब्सिडी दी जाएगी।
- फसल विविधीकरण के लिए जो फसलें उगाई जाती है, उनकी बीमा राशि और किसान की राशि को सरकार देगी।
- इस योजना के अंतर्गत फसल विविधीकरण के लिए जिन किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई यंत्र को लगाने का निर्णय लिया है, उनसे पूरी लागत का सिर्फ GST ही लिया जाएगा।
मेरा पानी मेरी विरासत Important links
Official Document
Kisan Anubhag
Farmer registration
Registration print
Change bank details
Helpline number
Address: Department Of Agriculture And Farmers Welfare
Krishi Bhawan, Sector 21, Budanpur
Panchkula-134117 (Haryana)
Phone: 0172-2571553, 0172-2571544
Fax: 0172-2563242
Email: mfmb-agri@hry.gov.in, hsamb.helpdesk@gmail.com, agriharyana2009@gmail.com
Toll Free Number: 1800 180 2117, 1800 180 2060
सोमवार से शुक्रवार 9am- 6pm
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Conclusion
इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया। इस वेबसाइट पर सरकारी स्कीम, राज्य सरकार योजनाएं, जॉब, परीक्षा से सम्बंधित जानकारी दी जाती है। आप का experience कैसा रहा आप उसे नीचे comment box में share कर सकते हैं और अगर आपको कोई doubt या problem है तो आप मुझसे नीचे comment box में पूछ सकते हैं या email कर सकते हैं।
मैं आपको जल्द से जल्द reply देने की कोशिश करूँगा।
धन्यवाद……..।
Frequently asked Questions
Mera pani meri virasat apply online
Mera pani meri virasat की official website पर जाएं फिर किसान अनुभाग लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद किसान पंजीकरण (हरियाणा) पर दबाएं और अपना मोबाइल नंबर, OTP, captcha भरें। इसके बाद परिवार पहचान पत्र id भरें
अब आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा। यहां अपना नाम, पिता का नाम, पता- जिला, गांव, ब्लॉक, तहसील, भरें फिर बैंक details भरें जैसे नाम, खाता नंबर, खाता प्रकार, ifsc कोड, बैंक नाम आदि।
अगले पेज पर कुल भूमि की जानकारी, पिछले साल की फसलों का विवरण, इस साल की फसल जोड़ें। साथ में मुरब्बा नंबर या killa नंबर जोड़ें। इसके बाद आपके पंजीकरण पूर्ण हो जाएगा।
Mera pani meri virasat registration haryana
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अब आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा। यहां अपना नाम, पिता का नाम, पता- जिला, गांव, ब्लॉक, तहसील, भरें फिर बैंक details भरें जैसे नाम, खाता नंबर, खाता प्रकार, ifsc कोड, बैंक नाम आदि।
अगले पेज पर कुल भूमि की जानकारी, पिछले साल की फसलों का विवरण, इस साल की फसल जोड़ें। साथ में मुरब्बा नंबर या killa नंबर जोड़ें। इसके बाद आपके पंजीकरण पूर्ण हो जाएगा।