आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग के समुदाय को अक्सर गरीबी वित्तीय भोज और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। यह चुनौतियां उनको आगे बढ़ने नहीं देती और मैं गरीबी और हर्षदा के चक्कर में फंसे रहते हैं। इन समस्याओं को मिटाने के लिए स्थाई समाधान की आवश्यकता होती है जिसे समुदाय को सशक्त बना सके और विकास हो सके।
ऐसा एक समाधान है स्वयं सहायता समूह जो 10 से 20 लोगों का एक संगठन होता है जिसमें एक ही वर्ग के लोग होते हैं। इस समूह में सदस्यों को एक साथ अपनी समस्याओं को हल करने का मौका मिलता है। पिछले कुछ सालों में स्वयं सहायता समूह विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरे हैं।
Swayam sahayata samuh में कैसे registration करें, यह नीचे पढ़ें। इस लेख में मैं आपको इस योजना के बारे में बताऊंगा कि इसमें आवेदन देने के लिए क्या आवश्यकता है, क्या जरूरतें हैं और इससे कैसे लाभ लें।
अगर आप Swayam sahayata samuh ki jankari पढ़ना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़े। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी पता लगे कि Swayam sahayata samuh in hindi के बारे में।
Swayam sahayata samuh kya hai?
स्वयं सहायता समूह (self help groups) कुछ महिलाओं/ पुरुषों का एक अनौपचारिक समूह है जो स्व इच्छा से साथ जुड़ते हैं ताकि अपने जीवन के स्तर को बढ़ा सकें।
इस समूह में महिलाएं एक जैसी सामाजिक और आर्थिक स्तिथियों से गुजर रही होती हैं और इसके सदस्य एक दूसरे की मदद से अपनी समस्याओं को सुलझाते हैं। इस समूह में करीब 10 से 20 महिलाएं होती हैं। (कानूनी तौर पर 20 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते)
यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चलाई जाती है जिसमें गांव की गरीब महिलाओं को बैंक की सुविधाओं से जोड़ा जाता है और उनमें बचत की आदत सिखाई जाती है। इस योजना का उद्देश्य है महिलाओं का आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक विकास करना और गरीब महिलाओं को संगठित करना।
इस समूह में महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण प्रदान किया जाता है ताकि बेरोजगार कर सकें और अपना उद्योग शुरू कर सकें। यह योजना राज्य सरकार केंद्र सरकार दोनों द्वारा चलाई जाती है और इस योजना के अंतर्गत लक्ष्य है कि 2025 तक गांव की सभी औरतों को स्वयं सहायता समूह में जोड़ दिया जाए।
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि स्वयं सहायता समूह सिर्फ महिलाओं के लिए होता है पर यह योजना पुरुषों के लिए भी है। हालांकि एक समूह में सिर्फ पुरुष या सिर्फ महिलाएं हो सकती हैं mixed नहीं हो सकते।
इस समूह में कुछ समय के बाद सरकार की तरफ से धनराशि मिलती है जैसे एक स्वयं सहायता समूह के बनने के 3 महीने बाद 1500 की धनराशि मिलती है और 6 महीने होने के बाद ₹15000 की धनराशि मिलती है। 6 महीने पूरे हो जाने के बाद समूह को ऋण लेने की अनुमति मिल जाती है जिसमें महिलाएं ₹50,000 से ₹100,000 तक का ऋण ले सकते हैं। यह ऋण लेने के लिए सरकारी list में आपके समूह का नाम होना चाहिए।
Overview
Terms | Details |
State | All India |
Website | https://nrlm.gov.in/outerReportAction.do?methodName=showIndex#gsc.tab=0 |
Launch year | 1992 |
Department | Ministry of Rural Development |
Objective | समूह में महिलाओं को ऋण प्रदान करना ताकि रोजगार मिल सके या उद्योग शुरू कर सकें |
Helpline | 011 – 23461708 |
उद्देश्य
स्वयं सहायता समूह का उद्देश्य है एक समूह में सभी महिलाओं को ऋण प्रदान करना ताकि वे रोजगार पा सकें या उद्योग शुरू कर सकें। इससे महिलाएं सशक्त बनती हैं और देश के विकास में सहयोग मिलता है।
एक स्वयं सहायता समूह का उद्देश्य होता है-
- बचत करना– समूह के सभी सदस्यों को बचत करनी होती है। चाहे वह धनराशि कम ही क्यों ना हो, पर धीरे धीरे राशि इकट्ठी होकर जरूर काम आती है।
- इस धनराशि को सदस्यों की मदद और ऋण देने के लिए करना चाहिए।
- ऋण का ब्याज, राशि, कारण, सब समूह द्वारा चुना जाता है।
- हर meeting में, समूह को उसके सदस्यों की मदद करने के नए तरीकों के साथ आना चाहिए। हर एक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से अपनी मदद नहीं कर सकता पर एक समूह जरूर उसकी मदद कर सकता है।
- एक समूह बैंक से ऋण लेता है और फिर अपने सदस्यों को देता है।
इसमें सरकारी काम भी होता है जैसे-
- सफाई कर्मी की भर्ती करना और सफाई करवाना
- गांव में बिजली बिल निकालना
- NREGA का कार्य करना
- बैंकिंग सुविधाएं गांव में प्रदान करना
- आंगनबाड़ी में खाद्य सामग्री का वितरण
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मुख्य बिंदु
स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है-
- एक परिवार से सिर्फ एक ही महिला स्वयं सहायता समूह में जुड़ सकती है। अगर ज्यादा महिलाएं जुड़ती हैं तो उनको लाभ नहीं मिल पाता है।
- Swayam sahayata samuh बनाने के लिए कम से कम 10 सदस्यों का होना जरूरी है।
- जो भी महिलाएं इस समूह के साथ जुड़ती है, वह आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े होनी चाहिए।
- एक समूह में जुड़ने वाली सभी महिलाएं एक ही गांव की सदस्य होनी चाहिए।
- समूह में जुड़ने के लिए महिला के उम्र 18 साल से 60 साल तक होनी चाहिए।
- किसी अन्य सदस्यों को समूह में जोड़ने के लिए आम सहमति से लिया जाएगा।
- Swayam sahayata samuh गरीब महिलाओं का एक संगठन है जिसमें अमीर महिला नहीं होती है। इसलिए इस समूह में दिव्यांग, SC, ST, BC, minorities, अति गरीब को प्राथमिकता मिलती है।
- हर समूह में 3 प्रतिनिधि चुने जाते हैं जो पढ़े लिखे होते हैं। सबसे पढ़ी-लिखी महिला को अध्यक्ष बनाया जाता है, बाकी उपाध्यक्ष और सचिव। यह तीनों प्रतिनिधि पढ़ी लिखी होनी चाहिए, कम से कम 10वी पार होनी चाहिए।
पात्रता
स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के लिए पात्रता-
- स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के लिए सदस्य की उम्र 18 साल से 60 साल के बीच में होनी चाहिए।
- इस समूह में अनपढ़ और पढ़ी लिखी सभी महिलाएं जुड़ सकती हैं।
- जिनकी मासिक आय बहुत कम हो।
- जिनकी जमीन 2.5 एकड़ तक हो।
- सदस्य में सबकी प्रिस्थिति एक जैसी हो- कुच्चा घर, अनपढ़ वयस्क, पेयजल उपलब्ध न होना, आदि।
आवश्यक दस्तावेज
- Aadhaar कार्ड फोटोकॉपी
- पासपोर्ट size photo
- Mobile number
- Passbook के पहले पेज की फोटोकॉपी
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी पर हस्ताक्षर/ अंगूठा
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How to apply?
स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए सरकार की तरफ से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ICRP team हर गांव जाति है जो महिलाओं को इस समूह के बारे में जागरूक करती हैं। इस team में 5 महिलाएं होती हैं जिनमें से 1 अध्यक्ष होती है, 2 bookkeeper और 2 महिलाएं helper होती हैं।
इस टीम को अलग अलग पंचायत में भेजा जाता है जहां वे 15 दिन रहती हैं और महिलाओं का समूह बनाती हैं और इसके लाभ के बारे में पढ़ाती हैं।
समूह का अध्यक्ष– इस समूह में न्यूनतम 10 महिलाओं को जोड़ा जाता हैं जिसमें बाद में और भी आरतें जुड़ सकती हैं। इस समूह का एक अध्यक्ष चुना जाता है जिसका काम होता है बैठक में प्रस्ताव रखना, समूह का समान जैसे कॉपी, दरी, संभालना, बैंक से लेन देन करना, आदि।
सभी सदस्य जिस महिला को अध्यक्ष चुनना चाहते हैं, उसे ही चुना जाता है। अध्यक्ष बनने की योग्यताएं हैं
- जो महिला सामाजिक कामों और आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय योग्यता निभा सके।
- समूह सखी का निर्णय सर्वश्रेष्ठ होता है।
- शिक्षित और जागरूक महिला को अध्यक्ष चुना जाता है।
- अध्यक्ष बनने के लिए किसी भी तरह की शारीरिक योग्यता आवश्यक नहीं है।
- समूह का अध्यक्ष बनने के लिए आर्थिक गतिविधियों का पता होना जरूरी है, सरकार क्या योजना बनाती है, साथ में ऋण को कैसे उपयोग करें और कैसे बचत करें, यह सब जानकारी होनी चाहिए।
स्वयं सहायता समूह बनने के बाद उसमें निरंतर meeting रखी जाती है जिसमें हर सदस्यों का आना जरूरी होता है। इस मीटिंग को हर हफ्ते या हर महीने कराया जा सकता है। मीटिंग के प्रस्ताव, attendance, date, आदि की जानकारी एक register में रखी जाती है।
How to check list
अगर आप अपने Swayam sahayata samuh का नाम सरकारी list में चेक करना चाहते हैं तो सबसे पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर जाएं।
- इस के होम पेज पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
- फिर menu में Reports फिर Analytical Reports पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपके सामने एक पेज खुल जायेगा जहां बहुत सी category होंगी।
- यहां Self Help Group (SHGs) ऑप्शन के नीचे G1: SHGs in NRLM database पर क्लिक करें।
- फिर आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा जहां सभी राज्यों की सूची होगी उस सूची में से अपना राज्य चुने, जिला चुनें, फिर ब्लॉक चुनें और फिर ग्राम पंचायत।
- ग्राम पंचायत के अंदर सभी गांव के नाम होंगे उनमें से अपना गांव चुने और फिर अपने समूह का नाम चुने।
- यहां आप जांच सकते हैं कि आपके समूह का नाम सरकारी लिस्ट में है या नहीं। साथ ही समूह में अपना नाम, code, सभी सदस्यों का नाम, चेक कर सकते हैं।
Naukriya
Swayam sahayata समूह में जुड़ने वाली औरतों के लिए कुछ नौकरियां हैं-
- Metre reader (मीटर रीडर)– हर ग्राम पंचायत के स्तर पर एक मीटर रीडर को चुना जाता है जो हर घर में जाकर लोगों का मीटर चेक करता है और बिल बना कर देता है। इस मीटर रीडर का चयन सहायता समूह में से किया जाता है।
- Bank correspondence sakhi (BC सखी)– ग्राम पंचायत के स्तर पर bc सखी को चुना जाता है जिसका कार्य होता है हर गांव में जाकर सहायता समूह की मदद से बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त करवाना। इस नौकरी में महिला को ₹6000 प्रति माह आय मिलती है।
- ICRP– ICRP टीम का उद्देश्य होता है हर गांव में जाना और स्वयं सहायता समूह का निर्माण करना। वे उस गांव में 15 दिन के लिए रहती हैं और महिलाओं को जागरूक करती हैं। इसके लिए आवेदन करने के पिए ब्लॉक मिशन मैनेजर के पास जाना पड़ता है। महिला काम से काम 10वी पर होनी चाहिए। इसमें वेतन ₹10,000 से 15,000 तक मिलता है।
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Loan procedure
हर समूह में 3 प्रतिनिधि होती है जो है अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव। इन तीनों के द्वारा समूह के नाम पर बैंक खाता खुलता है जैसे अगर आपके स्वयं सहायता समूह का नाम “आदर्श समूह” है तो बैंक खाता इसी नाम से खुलेगा और ऋण भी इसी नाम में मिलेगा।
यह तीनों local बैंक ब्रांच में जाकर खाता खुलवा सकती हैं। साथ में ज़रूरी दतावेजो को ले जाना उड़ता है जिनके बारे में मैंने आपको ऊपर बता दिया है।
Online loan apply– अपने समूह के लिए ऑनलाइन ऋण आवेदन करने के लिए आपको ग्रामीण विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
- इस के होम पेज पर आपको Quick Links के अंदर SHG bank loan का ऑप्शन मिलेगा उस पर क्लिक करें। या आप इस लिंक से सीधा पहुंच सकते हैं।
- फिर आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा SHG bank loan proposal के निर्देश होंगे।
अगर आपके समूह में से किसी को टेक्निकल जानकारी तो वे बड़ी आसानी से इस ऋण के लिए आवेदन दे सकता है वरना आप किसी की मदद ले सकते हैं।
- इस वेबसाइट पर ऋण लेने से पहले आपको login करना होगा। इसका username, password आपको ब्लॉक अधिकारी से मिलता है।
- Login करके आपको समूह का नाम, सदस्य, leader, की पुष्टि करनी है।
- फिर बैंक details भरनी हैं और loan के लिए आवेदन करना है।
Benefits
Swayam sahayata samuh के कुछ फायदे हैं जैसे
- स्वयं सहायता समूह सामाजिक समस्याओं को जैसे दहेज, शराब की लत, आदि का सामूहिक समाधान निकालते हैं।
- स्वयं सहायता समूह औरतों को सशक्त बनाते हैं और उनमें leadership qualities से भरते हैं। इसके कारण सशक्त औरतें ग्रामसभा और election में खुलकर भाग ले सकती हैं।
- स्वयं सहायता समूह औरतें के status को बढ़ाने में मदद करते हैं, उनके आत्म समान को बढ़ाते हैं और सामाजिक आर्थिक स्थिति का सुधार करते हैं।
- सरकारी योजनाओं के ज्यादातर लाभार्थी कमजोर और पिछड़े वर्ग के समाज से होते हैं, swayam sahayata samuh केसरिया लाभार्थियों को सामाजिक न्याय मिलता है।
- सामाजिक सहायता समूह के कारण औरतें ऋण सीधा बैंक से ले सकती है और उनको साहूकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता जो उनसे ज्यादा ब्याज मांगते हैं।
- इन समूह की वजह से लोगों को कृषि पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और वह छोटे उद्योग खोल सकते हैं जैसे सिलाई का काम, किराना की दुकान, रिपेयर शॉप, आदि।
Swayam sahayata samuh की चुनौतियां
स्वयं सहायता समूह के सामने आज भी ऐसी चुनौतियां जिनके कारण वे प्रभावशाली नहीं बन पाए हैं।
- ज्यादातर swayam sahayata samuh के पास टेक्नोलॉजी की पहुंच नहीं है। नई टेक्नोलॉजी न होने के कारण और कम skills होने की वजह से यह समूह अपनी functioning में इतने प्रभावशाली नहीं बन पाते।
- कुछ मामलों में पाया गया है कि सामूहिक ऋण से आया पैसा उद्योग में निवेश करने की बजाय निजी कामों में लगाया जाता है जैसे शादी, घर का निर्माण, आदि।
- Self help groups को अलग क्षेत्रों में ट्रेनिंग जैसे उत्पादों का चुनना, उनकी गुणवत्ता और तकनीक को मैनेज करना, इतनी प्रयाप्त नहीं है की वे बड़ी संस्थाओं से मुकाबला कर सकें।
- कई मामलों में यह पाया गया है कि स्वयं सहायता समूह में औरतों में निजी कारणों की वजह से एकता नहीं बनती या निवास बदलने की वजह से शादीशुदा औरतें स्थिर नहीं रहती।
- कई स्वयं सहायता समूह में इतनी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती की उनकी जरूरतों के लिए प्राप्त हो और ना ही इतनी सब्सिडी मिलती है की लेबर खर्चा पूरा हो।
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SHG Important links
NRLM website
CSC registration
SHG list check
Loan apply
Helpline number
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Conclusion
इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया। इस वेबसाइट पर सरकारी स्कीम, राज्य सरकार योजनाएं, जॉब, परीक्षा से सम्बंधित जानकारी दी जाती है। आप का experience कैसा रहा आप उसे नीचे comment box में share कर सकते हैं और अगर आपको कोई doubt या problem है तो आप मुझसे नीचे comment box में पूछ सकते हैं या email कर सकते हैं।
मैं आपको जल्द से जल्द reply देने की कोशिश करूँगा।
धन्यवाद……..।
Frequently asked Questions
स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष
हर समूह का एक अध्यक्ष चुना जाता है जिसका काम होता है बैठक में प्रस्ताव रखना, समूह का समान जैसे कॉपी, दरी, संभालना, बैंक से लेन देन करना, आदि।
सभी सदस्य जिस महिला को अध्यक्ष चुनना चाहते हैं, उसे ही चुना जाता है। अध्यक्ष बनने की योग्यताएं हैं-
1. जो महिला सामाजिक कामों और आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय योग्यता निभा सके।
2. समूह सखी का निर्णय सर्वश्रेष्ठ होता है।
3. शिक्षित और जागरूक महिला को अध्यक्ष चुना जाता है।
4. अध्यक्ष बनने के लिए किसी भी तरह की शारीरिक योग्यता आवश्यक नहीं है।
5. समूह का अध्यक्ष बनने के लिए आर्थिक गतिविधियों का पता होना जरूरी है, सरकार क्या योजना बनाती है, साथ में ऋण को कैसे उपयोग करें और कैसे बचत करें, यह सब जानकारी होनी चाहिए।
समूह में कितना पैसा मिलता है?
समूह में महिलाएं धीरे धीरे धनराशि इकट्ठी करती हैं जिसे बैंक खाते में जोड़ दिया जाता है। फिर उनको बैंक से समूह के नाम में ऋण मिलता है। यह ऋण ₹10 लाख तक हो सकता है।
स्वयं सहायता समूह का रजिस्टर
इस योजना को खुद रिजिस्टर करने के लिए सभी महिलाओं को ब्लॉक ऑफिस जाना पड़ता है। दूसरा तरीका है की ICRP टीम से समूह बनाना जो हर गांव समूह बनाती हैं।
Swayam sahayata samuh ke bare mein bataiye
कुछ महिलाओं/ पुरुषों का एक अनौपचारिक समूह है जो स्व इच्छा से साथ जुड़ते हैं ताकि अपने जीवन के स्तर को बढ़ा सकें।
इस समूह में महिलाएं एक जैसी सामाजिक और आर्थिक स्तिथियों से गुजर रही होती हैं और इसके सदस्य एक दूसरे की मदद से अपनी समस्याओं को सुलझाते हैं। इस समूह में करीब 10 से 20 महिलाएं होती हैं। (कानूनी तौर पर 20 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते)
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Rajasthan में स्वयं सहायता समूह का list में नाम चेक करने के लिए इस लिंक पर जाएं।
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Swayam sahayata समूह में जुड़ने वाली औरतों के लिए कुछ नौकरियां हैं-
Metre reader (मीटर रीडर)– हर ग्राम पंचायत के स्तर पर एक मीटर रीडर को चुना जाता है जो हर घर में जाकर लोगों का मीटर चेक करता है और बिल बना कर देता है। इस मीटर रीडर का चयन सहायता समूह में से किया जाता है।
Bank correspondence sakhi (BC सखी)– ग्राम पंचायत के स्तर पर bc सखी को चुना जाता है जिसका कार्य होता है हर गांव में जाकर सहायता समूह की मदद से बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त करवाना। इस नौकरी में महिला को ₹6000 प्रति माह आय मिलती है।
ICRP– ICRP टीम का उद्देश्य होता है हर गांव में जाना और स्वयं सहायता समूह का निर्माण करना। वे उस गांव में 15 दिन के लिए रहती हैं और महिलाओं को जागरूक करती हैं। इसके लिए आवेदन करने के पिए ब्लॉक मिशन मैनेजर के पास जाना पड़ता है। महिला काम से काम 10वी पर होनी चाहिए। इसमें वेतन ₹10,000 से 15,000 तक मिलता है।
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