Mid day meal yojana क्या है?
Mid de mil yojana जिसको हम madhyahna bhojan भी कहते हैं । यह एक सरकारी योजना है जो सरकार द्वारा दी गई है। इस योजना में सरकार स्कूल के बच्चों को “खाना” प्रोवाइड करती है। Mid de mil yojana का शुरू कारण गरीब बच्चे थे जिन बच्चों को घर में अच्छा खाना नहीं मिलता उन लोगों के लिए सरकार ने Mid de mil yojana शुरू कराई है।
इस योजना के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भरपूर पौष्टिक खाना मिलता है। यह बच्चों की सेहत के साथ-साथ पढ़ाई में भी बहुत ज्यादा मदद करता है क्योंकि बच्चे भूखे पेट पढ़ाई में मन नहीं लगा सकते तो सरकार ने यह Mid de mil yojana निकाली है कि बच्चे भरपेट खाना खाए और अच्छे से मन लगाकर पढ़ें
Mid de mil yojana की मदद से गरीब बच्चों की भूख मिटाई जाती है और भूख मिटाने के साथ-साथ उनकी शिक्षा में भी पूरा ध्यान दिया जाता है। क्योंकि पढ़ाई में अच्छे से ध्यान देने के लिए बच्चे का स्वास्थ्य बहुत अच्छा होना चाहिए इसलिए Mid de mil yojana योजना की मदद से बच्चे एक पौष्टिक खाना खा पाते हैं जिससे वह तंदुरुस्त रहते हैं।
Mid de mil yojana की शुरुआत 1995 मैं हुई गई थी। इसी के साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एक पौष्टिक खाना दिया जाता था। इस खाने के अंदर सारे पौष्टिक आहार डाले जाते हैं जो एक बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इस योजना की मदद से बच्चों की भूख मिटाई जाती है और पढ़ाई में ध्यान दिया जाता है।
Yojana ka naam | Mid day meal |
Yojana ki shuruat | year 1995 |
konsi sarkar ne shuru ki | kendreya sarkar |
Fayde kya hai | bachho ki sehat aur pdhai ka dhyaan |
Helpline number | 0172-2600119 (Sh. Nargis Kumar Vohra) |
Official website | Click here>> |
मिड डे मील ताज़ा खबर (Latest News)
सरकार ने हाल ही में एक योजना के अंतरगत क्लास 1 से क्लास 8 के विद्यार्थियों को सीधे पैसे देने का फैसला लिया है। इससे लगभाग 11.8 करोड़ विद्यार्थियों को फ़ायदा होगा। सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को योजना के लिए रु. 1,200 करोड़ भेजेगी। ये मौका सिर्फ सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिया जाएगा। इस योजना के अंतरगत विद्यार्थियों को दिया जाने वाला खाना उनके स्वस्थ के लिए लाभदाता होगा। सरकार मध्याह्न भोजन योजना में दूध शामिल करने का भी इरादा रखती है, जिसे ये पौष्टिक भी हो जाएगा।
योजना का बजट
हर पंचवर्षीय योजना में, सरकार मध्याह्न भोजन योजना के लिए एक बजट आवंटित करता है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में, सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के लिए 9 अरब रुपये का बजट आवंटन किया था, जबकी बारहवीं पंचवर्षीय योजना में, बजट 901.55 अरब रुपये था।
मध्याह्न भोजन योजना के लिए खर्च को केंद्रीय और राज्य सरकार साझा करते हैं। केन्द्रीय सरकार 60% खर्च का हिस्सा देती है, जबकी राज्य सरकार 40% खर्च उठाती है।
केंद्रीय सरकार अनाज और भोजन के लिए फाइनेंसिंग प्रदान करती है, जबकी संघ और राज्य सरकार सुविधाएं, परिवहन और श्रम की लागत उठाती है।
उद्देश्य
Mid de mil yojana भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है इस योजना के कुछ उद्देश्य नीचे दिए गए हैं:-
बच्चों को एक पौष्टिक भोजन प्रदान करना:- Mid de mil yojana के अंदर प्राइमरी स्कूल मैं पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक खाना दिया जाता है जो कि बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
- बच्चों की भूख मिटाना:- यह एक बहुत महत्वपूर्ण चीज है जिससे कमज़ोर बच्चों की भूख मिटाई जाती है। जिन बच्चों को घरों में अच्छा पौष्टिक खाना नहीं मिलता उन लोगों के लिए भी योजना है।
- शिक्षा को सुधारना:- इस योजना से यह भी लाभ होता है कि बच्चे पढ़ाई में अच्छे से ध्यान दे पाते हैं। जब उनकी भूख मिट जाती है। तो इसीलिए जो उनको पौष्टिक खाना दिया जाता हैं जिसकी वजह से वह पढ़ाई में भी अच्छे से ध्यान लगा पाते हैं।
- स्कूल की हड़ताल को रोकना:- Mid de mil yojana योजना की वजह से बच्चों को रोज पौष्टिक भोजन मिलता है इस वजह से यह योजना स्कूल की हड़ताल रोकने में भी मदद करती है। दिन भर जो बच्चे भूखे रहते हैं उन्हें स्कूल से दूर रहने का सवाल ही नहीं होता इस वजह से फूल की हड़ताल का होना बहुत कम हो जाता है
- समाज में जागरूकता पैदा करना:- इस योजना के तहत समाज में सबसे पहले तो प्राइमरी स्कूल में भोजन मिलने की वजह से बच्चों के सेहत का ख्याल रखा जाता है और दूसरा इसी वजह से बच्चे पढ़ाई में भी अच्छे से मन लगा पाते हैं
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Mid de meal yojana का क्षेत्र
Mid de mil yojana बहुत जानी-मानी योजना है। यह योजना स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के लिए बनाई गई है इस योजना में सरकार इन गरीब बच्चों को भरपूर खाना देती है। सरकार की इस मदद से बच्चों का स्वास्थ्य एकदम बढ़िया रहता है और बच्चे बहुत अच्छी तरीके से पढ़ाई में अपना मन लगा पाते हैं
इस योजना के शुरू होने से पहले प्राइमरी स्कूलों में भोजन की सुविधा होती तो थी लेकिन वह बहुत कम पड़ जाती थी ऐसी चीज के कारण बच्चों की पढ़ाई में बहुत असर पड़ रहा था। Mid de mil yojana के अंदर जितना भी भोजन दिया जाता है वह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए और उनकी पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा है यह हमारे देश के विकास की ओर भी बहुत अच्छा ख्याल रख रहा है।
Mid de mil yojana अब भारत सरकार के द्वारा लगभग हर एक राज्य में है। और हर राज्य इस योजना को बखूबी निभा रहे हैं। हर एक स्कूल मैं बच्चा अब भूखा नहीं रह रहा सारे बच्चे बहुत अच्छे से खाना खाकर अपनी कक्षा में अच्छे से ध्यान लगाकर पढ़ रहे हैं। राजस्थान में यह योजना बहुत अच्छे से और बहुत लोकप्रिय तरीके से निभाई जा रही है।
Eligibility
- प्राइमरी स्कूल :- Mid de mil yojana के लिए एक प्राइमरी स्कूल होना जरूरी है । क्योंकि सिर्फ प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार खाना प्रदान करती है।
- Infrastructure:- इस योजना को चलाने के लिए एक सही Infrastructure होना जरूरी है। और Infrastructure को सही रखने के लिए सबसे जरूरी चीज है dinning table और kitchen। अगर dining table ना भी हो तो भी कोई दिक्कत वाली बात नहीं है आप जमीन में भी बच्चों को बैठा सकते हैं।
- Cooks:- Mid de mil yojana के लिए आपको cook की आवश्यकता पढ़ सकती है क्योंकि एक स्कूल में बहुत सारे बच्चे होते हैं और इतने सारे बच्चों का खाना बनाने के लिए आपके पास एक cook का staff होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
- Funds:- इस योजना को चलाने के लिए सरकार द्वारा funds दिए जाते हैं। सरकार हर उस एक चीज का ख्याल रखती है जो एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों को भोजन देने के लिए जरूरी है जैसे कि सब्जियां राशन सब कुछ सरकार द्वारा ही होता है।
- Quality Control: Mid de mil yojana के अंदर एक quality control होना बहुत ज्यादा अहम चीज है। एक अच्छी quality का ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है। स्कूल में खाने की quality को चेक करने के लिए ऑफिसर्स और एक अलग स्टाफ भेजा जाता है जिससे पता चले कि स्कूल में अच्छा खाना मिल रहा है।
- Monitoring:- monitoring एक बहुत जरूरी चीज है। जैसे कि मैंने आपको बताया था कि खाने की क्वालिटी में कंट्रोल होना चाहिए उसी तरह उस खाने को monitor करने के लिए भी कुछ लोग होने चाहिए होना चाहिए जो हर चीज का ध्यान रख सके और distribute कर सके
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Important points
Mid de mil yojana एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण योजना है जो सरकार द्वारा दी गई है। इस योजना के बारे में कुछ जरूरी चीज है नीचे दे रखी है:-
- Swasth aur Poshan:– Mid de mil yojana के अंदर जो भोजन दिया जाता है वह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा रहता है जो खाना उनको घर में नहीं मिल पाता वह गाना वह अपने स्कूल में खा पाते हैं और अपने स्वास्थ्य को बहुत अच्छे से रख पाते हैं। इसी चीज की वजह से वह पढ़ाई में भी अच्छा ध्यान दे पाते हैं और यह चीज हमारे देश के विकास के लिए बहुत ज्यादा अच्छी है।
- Shiksha ka Sudhaar:- Mid de mil yojana हमारे देश की शिक्षा में भी बहुत ज्यादा सुधार लेकर आ रही है जैसे कि आप सब जानते हैं कुछ लोग इतने गरीब होते हैं कि वह अपने बच्चों को भरपेट खाना नहीं दे पाते यह चीज Mid de mil yojana दूर कर रही है स्कूल में एक पौष्टिक खाना उपलब्ध कराकर। जो बच्चे पेट भर के एक अच्छा खाना खाएंगे तो उनका मानसिक संतुलन भी बहुत अच्छा रहेगा तू वह अच्छे से पढ़ाई पर ध्यान दे पाएंगे।
- Attendance ka Badhna:- Mid de mil yojana की वजह से बच्चे यूरो स्कूल आ रहे हैं और अगर बच्चे यूरोस्कूल आएंगे तो उनकी पढ़ाई में बहुत अच्छा सुधार आएगा बच्चे रोज नई-नई चीजें पढ़ पाएंगे।
- Mahilaon ko Rozgaar: Mid de mil yojana की मदद से महिलाओं को रोजगार मिलने में बहुत ज्यादा आसानी हुई है क्योंकि अक्सर स्कूल में महिलाएं ही हैं जो बच्चों के लिए घर जैसा खाना बनाती है। सिर्फ खाना ही नहीं और भी बहुत सी अलग अलग चीजें है जो महिलाओं को करना होता है इस जॉब में
- Aarthik Sudhaar:- यह योजना हमारे देश में एक आर्थिक सुधार भी लेकर आ रही है। क्योंकि गरीब परिवारों को अब घर में और ज्यादा खाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि स्कूल ही उनके बच्चों का खाना उपलब्ध करा देता है
Mid de mil yojana एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा में सुधार करना और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से, भारत सरकार बच्चों के सही विकास के लिए आवश्यक वस्त्र तत्व प्रदान कर रही है, जो उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देता है।
Mid de mil yojana कैसे काम करती है?
Mid de mil yojana क्या है और वह कैसे काम करती है यह नीचे आपको डिटेल में सारी जानकारी दे रखी है:-
- Bhojan Banane ki Vyavastha:- Mid de mil yojana के अंदर खाना बनाने के लिए आपको cooks प्रोवाइड करे जाते हैं। और खाना बनाने के लिए जितना भी समान होता है वह सारा राशन आपको सरकार प्रदान करती है।
- Bhojan ki Tayaari:- बच्चों के लिए जो भी खाना बनता है वह सारा खाना स्कूल के किचन में तैयार होता है। इस रसोई के अंदर बिल्कुल घर जैसा ही खाना मिलता है। इनके खाने के अंदर वह सारी चीजें होती हैं जो एक बच्चे के स्वास्थ्य को एकदम बढ़िया रखें।
- Bhojan ka Vibhag:- जब भोजन तैयार हो जाता है तो वह सारा भोजन भोजन शाला में डिवाइड कर दिया जाता है।उसके बाद जिस बच्चे को जितना खाना खाना है वह बच्चा होता खाना खा सकता है।
- Bhojan ka Pradaan:- सारा खाना भोजन शाला में देने के बाद बच्चे स्कूल में ही अपना सारा खाना खाते हैं इस वजह से उनकी पढ़ाई में भी कोई दिक्कत नहीं होती बच्चे खाना खाओगे सीधा अपनी अपनी कक्षा में चले जाते हैं।
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मुख्य बिंदु
Mid de mil yojana की मदद से बच्चों की पढ़ाई में बहुत अच्छे सुधार आ रहे हैं। इन सुधार को डिटेल में जाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को पढ़ें:-
- Attendance mein Sudhaar:- इस योजना की मदद से आप को बच्चों की अटेंडेंस में बहुत ज्यादा सुधार देखने को मिलेगा क्योंकि ज्यादातर बच्चों को घर में अच्छा खाना खाने को नहीं मिलता वह बच्चे daily स्कूल आते हैं खाना खाने के लिए और इसी के बहाने वह रोज पढ़ाई भी कर लेते हैं। यह चीज हमारे देश के विकास में भी बहुत मदद कर रही है।
- Learning Outcome:- Mid de mil yojana की मदद से जितना पौष्टिक खाना बच्चों को मिलता है बच्चे उतने ही ज्यादा तंदुरुस्त रहते हैं और उनका मानसिक संतुलन बहुत ही ज्यादा बढ़िया रहता है तू बच्चे जब physically और mentally स्ट्रांग होते हैं तो वह पढ़ाई भी बहुत अच्छे से कर पाते हैं।
- Dropout Rate:- Mid de mil yojana बच्चों के विकास का माध्यम बन चुका है जब से मिड डे मील योजना शुरू हुई है तब से बच्चे रोज स्कूल आते हैं और बहुत अच्छे से पढ़ाई करते हैं। इस वजह से “drop rate” बहुत कम हो चुका है अब लगभग सारे ही बच्चे स्कूल जाते हैं।
- Health Benefits:- Mid de mil yojana अब सिर्फ योजना ही नहीं रही अब यह बच्चों के शरीर के विकास के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छे हो चुकी है। अब बच्चे बचपन से ही एक पौष्टिक खाना खाते हैं तो वह बड़े होते होते उनके शरीर का विकास बहुत अच्छे से हो जाता है और वह बीमारियों से बहुत दूर रहते हैं। और जो बच्चे का शरीर एकदम अच्छा और तंदुरुस्त रहता है तो बच्चे का दिमाग भी बहुत अच्छा चलता है। इस वजह से बच्चे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे होते जा रहे हैं।
Updates
- Budget:-Mid de mil yojana के लिए 2021-22 के बजट में रु. 11,000 करोड़ का जुर्माना किया गया है, जो कि पिछले साल से लगभग 2,000 करोड़ रुपये अधिक है। इसे योजना को और भी प्रभाववी बनाने की उम्मीद है।
- Food Safety and Quality:- Mead day meal yojana के अंतरगत प्रदान किए जाने वाले भोजन की सुरक्षा और गुणों के लिए काई सुधार किए गए हैं। इसके अंतरगत हर एक भोजन को बहुत अच्छी जांच किया जाता है और इसमें पोषक तत्व का भी सही मात्रा में प्रयोग किया जाता है।
- Digital Monitoring System:- Mid de mil yojana में डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू किया गया है, जिस योजना के अंतरगत प्रदान करने वाले भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को मॉनिटर किया जा सकता है। इसे योजना को और भी पारदर्शी बनाया गया है।
- Menu Variety:- Mid de mil yojana के मेन्यू में काई सारे नए पोषक तत्व को शामिल किया गया है और इसमें वैरायटी भी लाई गई है। इसे बच्चों को अलग-अलग पोषक तत्व के साथ खाना प्रदान किया जाता है और उनके विकास के लिए जरूरी तत्व प्रदान किया जाता है।
- Community Participation:-Mid de mil yojana में कम्युनिटी पार्टिसिपेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें स्थानीय समुदाय, माता-पिता और शिक्षक को भी योजना में शामिल किया जाता है, जिसे योजना के प्रभाव को बढ़ा जा सकता है।
Benifits
मिड डे मील योजना एक ऐसी योजना है जो भारत सरकार द्वारा चलायी जाती है जिसके तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को एक अच्छा स्वस्थ भोजन प्रदान किया जाता है। योजना के काई फ़ायदे है, जैसे:
- Swasth Bhojan Pradan:– मिड डे मील योजना के अंतरगत बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। इस्से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार होता है।
- Shiksha Sthapna:- मिड डे मील योजना के अंतरगत भोजन के साथ-साथ शिक्षा भी दी जाती है। इस्से बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ता है और उनकी पढ़ाई में रुचि भी बढ़ती है।
- School Attendance:- योजना के कारण बच्चों की उपस्थिती स्कूल में वृद्धि है, क्यों कि उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगता है और उन्हें एक अच्छा स्वस्थ भोजन मिलता है।
- Bhookh Mitana:- मध्याह्न भोजन योजना के अंतरगरीब बच्चों को भूख नहीं लगना पड़ता है और वे स्कूल में खाना खाने के लिए जाते हैं।
- Mahilaon ko Rozgar:- इस योजना के अंतरगत खाना बनाने के लिए महिलाओं का सहयोग लिया जाता है, इसे महिलाओं को रोजगार मिलता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
इसलिए, मध्याह्न भोजन योजना भारत में गरीबी, भूख और अनाज को कम करने का एक अच्छा उपाय है, जिसके अंतरगत बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है और उनकी शिक्षा और मानसिक विकास में भी मदद की जाती है।
मिड डे मील योजना के नुकसान
- Quality of Food: मध्याह्न भोजन योजना के साथ प्रमुख मुद्दों में से एक प्रदान किए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता है। कई रिपोर्टों से पता चला है कि बच्चों को परोसा जाने वाला खाना अक्सर खराब गुणवत्ता वाला और अस्वास्थ्यकर होता है। ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं जहां भोजन कीड़े, कीड़े, या अन्य बाहरी वस्तुओं से दूषित हो गया है। यह बच्चों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है और योजना के उद्देश्य को विफल कर सकता है।
- Irregular Supply: मिड डे मील योजना के साथ एक और समस्या भोजन की अनियमित आपूर्ति है। उचित योजना के अभाव में, भोजन हमेशा समय पर नहीं दिया जाता है, जिससे कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न होता है। इससे बच्चे भोजन करने से चूक सकते हैं और उनके स्वास्थ्य और उपस्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
- Lack of Proper Infrastructure: मिड डे मील योजना की सफलता स्कूलों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे पर भी निर्भर करती है। हालांकि, कई स्कूलों में आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव है, जैसे कि उचित रसोई, भंडारण की सुविधा और स्वच्छ पानी की आपूर्ति। इससे भोजन की खराब गुणवत्ता हो सकती है और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
- Corruption: भ्रष्टाचार एक और मुद्दा है जो मिड डे मील योजना को प्रभावित करता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब अधिकारियों ने योजना के लिए निर्धारित राशि को गबन कर लिया, जिसके परिणामस्वरूप खराब कार्यान्वयन और सेवाओं का वितरण हुआ। इसका भोजन की गुणवत्ता और योजना की समग्र सफलता पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
- Nutritional Imbalance: मिड डे मील योजना बच्चों को संतुलित और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए बनाई गई है। हालाँकि, कई रिपोर्टें बताती हैं कि परोसा गया भोजन पोषक रूप से संतुलित नहीं है, और प्रोटीन और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी है। इससे कुपोषण हो सकता है और बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है।
Conclusion
इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए शुक्रिया। इस वेबसाइट पर सरकारी स्कीम, राज्य सरकार योजनाएं, जॉब, परीक्षा से सम्बंधित जानकारी दी जाती है। आप का experience कैसा रहा आप उसे नीचे comment box में share कर सकते हैं और अगर आपको कोई doubt या problem है तो आप मुझसे नीचे comment box में पूछ सकते हैं या email कर सकते हैं।
मैं आपको जल्द से जल्द reply देने की कोशिश करूँगा।
धन्यवाद……..।
Frequently asked question
Mid day meal yojana kab prarambh hui
Mid Day Meal Yojana ka aarambh Madhya Pradesh mein 1995 mein hua tha. Baad mein ise desh bhar ke sabhi rajyon mein lagu kiya gaya. Is yojana ke tahat, desh ke sabhi prathmik aur upprathmik vidyalayon mein padhne wale bachon ko ek din mein ek nirdharit bhojan pradan kiya jata hai. Yojana ke antargat bachon ko swasth aur poshtik bhojan uplabdh karane ke sath-sath, unke shiksha ki bhi vyavastha ki jati hai.
Mid day meal yojana ka naya naam
mid day meal yojana का नया नाम PM Pohsan है जो भारत सर्कार द्वारा दिया गया है।
Mid Day Meal Yojana kya hai?
Mid Day Meal Yojana ek sarkari yojana hai, jiske tahat desh ke prathmik aur upprathmik vidyalayon mein padhne wale bachon ko ek din mein ek nirdharit bhojan muft mein diya jata hai.
Yojana ke liye kis bachon ko laabh prapt hota hai?
Is yojana ke tahat, desh ke garib aur kamjor parivar ke bachon ko prathmik aur upprathmik vidyalayon mein padhne wale bachon ko laabh prapt hota hai.
Yojana ka uddeshya kya hai?
Is yojana ka mukhya uddeshya hai garib bachon ko poshtik bhojan pradan karne ke sath-sath unki shiksha ki vyavastha ko bhi sudharne ka hai. Is yojana se bachon ko swasth aur poshtik bhojan uplabdh karaya jata hai, jisse unki poshak tatvon ki kami puri ho aur unki sharirik aur mansik vikas ko sahi disha prapt ho.
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